11 अप्रैल 2020 जौनपुर - जिलाधिकारी
दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि जनपद जौनपुर का कार्यकारी गेहूं खरीद लक्ष्य 59000 मीट्रिक टन
निर्धारित करते हुए क्रय एजेंसीवार लक्ष्य निर्धारित करने हेतु निर्देश प्राप्त
हुए है के अनुपालन में रबी विपणन वर्ष 2020-21 के अंतर्गत
जनपद में कार्यरत क्रय एजेंसियों का कार्यकारी खरीद लक्ष्य निर्धारित किया गया है
जिसमें क्रय संस्था खाद विभाग द्वारा आवंटित लक्ष्य 13000 मेट्रिक टन, पीसीएफ
द्वारा 25000 मीट्रिक टन, यूपी एग्रो
द्वारा 4000 मेट्रिक टन, कर्मचारी
कल्याण निगम द्वारा 2000 मेट्रिक टन, पीसीयू
द्वारा 6000 मीट्रिक टन, एनसीसीएफ
द्वारा 8000 मी0 टन, भारतीय
खाद्य निगम द्वारा 1000 मैट्रिक टन, कुल 59000 मी0 टन का आवंटन
निर्धारित किया गया है।
जिलाधिकारी
ने कहा कि गेहूं खरीद हेतु उपस्थिति अधिकारी/जिला प्रबंधक (क्रय एजेंसी) को
निर्देश दिए गए हैं कि गेहूं का समर्थन मूल्य 1925 प्रति कुंतल
दर शासन द्वारा निर्धारित किया गया है किसानों से उतराई, छनाई व सफाई
के मद में रुपये 20 प्रति कुंतल की दर से कृषक से नकद धनराशि प्राप्त कर
कृषक के खाते में पीएफएमएस द्वारा भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल से 15 जून तक
गेहूं क्रय होना है। गेहूं क्रय केंद्र सुबह 9:00 बजे से 6:00 बजे तक खुले
रखे जाएंगे। प्रत्येक केंद्र का निरीक्षण कराया जाएगा तथा केंद्र बंद पाए जाने पर
संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक केंद्र पर दो कांटा, एक नामीमापक
यंत्र, एक विनोइंग
फैन, छलना और
मानक नमूना आवश्यक रूप से उपलब्ध कराए रखें जाएंगे एवं केंद्र पर बैनर प्रदर्शित
हो। गेहूं की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं आ पाती है तो एवं कृषक संतुष्ट नहीं है
तो तहसील स्तर पर क्षेत्रीय विपणन अधिकारी के यहां अपील कर सकता है। क्षेत्रीय
विपणनअधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा विलंबतम 48 घंटे में
कृषक के सम्मुख विश्लेषण कर निर्णय लेगी। केंद्र पर अभिलेख इस वर्ष शतप्रतिशत
खरीदी ई-उपार्जन के माध्यम से ऑनलाइन होगी तथा टोकन पंजिका, निरीक्षण
पंजिका, शिकायत
पंजिका व गेहूं रिजेक्शन पंजिका, क्रय तकपट्टी, बोरा
रजिस्टर, भुगतान
विवरण व स्टॉक पंजीकृत के अत्यधिक प्रिंटआउट व अलग-अलग प्रतिनिधियों प्रताप में
वलियों पत्रावलियों में रखे जाएंगे। केंद्र पर किसानों के लिए पानी की व्यवस्था, बाल्टी, लोटा, गिलास, मिट्टी के
मटके रखे जाएंगे व किसानों को पानी पीने हेतु डिस्पोजल गिलास रखे जाएंगे एवं
कोरोना वायरस के दृष्टिगत केंद्रो पर गोला बनाकर किसानों को सोशल डिस्टेंसिंग कराई
जाए एवं केंद्र पर सैनिटाइजर, साबुन से हाथ धुलाने की व्यवस्था कराई जाए। इसके
अतिरिक्त पशुओं के लिए पानी, नाद, बैलगाड़ी व वाहन के लिए पार्किंग स्थल, किसानों के
लिए शामियाना तथा दरी तथा प्रकाश के लिए पेट्रोमैक्स की व्यवस्था की जाएगी। किसान
के गेहूं को वर्षा आदि से बचाने के लिए त्रिपाल की व्यवस्था की जाएगी एवं केंद्रों
पर बैनर प्रदर्शित हो जिसमें केंद्र का नाम, केंद्र
प्रभारी निरीक्षक का नाम, मोबाइल नंबर अंकित रहेगा। प्रत्येक केंद्र पर
सत्यापित बाट माप का प्रयोग किया जाए, जिसका निरीक्षण
किया विधिक माप विज्ञान द्वारा समय-समय पर किया जाए। समस्त उपजिलाधिकारी अपने
तहसील के नोडल होंगे। कमेटी के अध्यक्ष उपजिलाधिकारी होंगे तथा संयोजक क्षेत्रीय
वन अधिकारी विपणन निरीक्षक होंगे एवं सदस्य प्रत्येक क्रय एजेंसी के तहसील/ब्लाक
मुख्यालय का एक प्रभारी,एडीसीओ सहकारिता, मंडी सचिव, कृषि विभाग
के अधिकारी, बाट माप विभाग का अधिकारी, उप
जिलाधिकारी द्वारा नामित दो प्रगतिशील कृषक इसके सदस्य होंगे। उन्होंने समस्त
उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया कि गेहूं क्रय हेतु क्षेत्रीय विपणन अधिकारी के
माध्यम से प्रत्येक केंद्रों का निरीक्षण करें एवं समीक्षा निरीक्षण करते हुए एवं
समस्याओं का निस्तारण करते हुए किसानों का पंजीकरण कराने हेतु लेखपालों/मंडी
सचिव/कृषि विभाग के अधिकारियों के माध्यम से भी कराना सुनिश्चित करें एवं पंजीकृत
किसानों का सत्यापन भी ससमय कराएं, जिससे पीएफएमएस
पोर्टल से भुगतान में किसानों को कोई समस्या न उत्पन्न हो और एक सप्ताह में दो बार
सदस्यों के साथ बैठक कर कार्यवृत्ति जिला खाद्य विपणन अधिकारी को प्रेषित करें, जिसको
संकलित कर जिला खाद्य विपणन अधिकारी जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेगा। सभी
केंद्र प्रभारी अपने क्षेत्र अंतर्गत किसानों के उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत कराने
हेतु कृषकों को प्रेरित करें। कृषि विभाग द्वारा 368965 को पंजीकृत
हेतु एसएमएस किया गया है। अब तक मात्र 1031 किसको
द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण कराया है, जो काफी कम है पंजीकरण में प्रगति कराएं। क्रय
केंद्रों पर गेहूं खरीद हेतु खाता नंबर अंकित कंप्यूटराइज खतौनी, फोटोयुक्त
पहचान पत्र, यथासंभव आधार कार्ड के आधार पर की जाएगी। चकबंदी के
अंतर्गत ग्रामों में चकबंदी संबंधी संगत भूलेख यथासंभव आधार कार्ड, फोटोयुक्ति
पहचान पत्र के आधार पर की जाएगी। कृषक अथवा उनके परिवार के सदस्य का मोबाइल नंबर
क्रय पंजिका पर अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाएगा। पंजीकरण पूर्ण होने पर किसानों
के पास उपलब्ध खसरा, कंप्यूटराइज खतौनी, इत्यादि में
अंकित भूमि के आधार पर ई-उपार्जन में पंजीकरण प्रपत्र में आंकलित मात्रा के आधार
पर गेहूं खरीद की जाएगी। बोरो का आवंटन प्रारंभ में ही विभिन्न क्रय एजेंसियो को
संभागीय खाद्य नियंत्रक द्वारा पूर्व भुगतान के आधार पर बोरा आवंटन
किया जाएगा। बोरो पर भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार बोरो पर
निर्धारित नीले रंग की इसटेंशलिंग एवं ब्रान्डिंग इंडेन्टर की आवश्यकतानुसार की
जाएगी।बोरो के मुख्य पर नीले रंग की मार्किंग अथवा स्ट्रेचिंग की भी की जाएगी।
ऑनलाइन खरीद की मान्य होगी। सप्ताह में 2 दिन सीमांत
एवं लघु किसानों का गेहूं बेचने के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। सप्ताह में दिन
मंगलवार व शुक्रवार को की जाएगी। ए0आर0कॉपरेटिव/समस्त
जिला प्रबंधक/एडीसीओ/ एएमओ नियमित रूप से क्रय केंद्रों का निरीक्षण करें और आ रही
समस्याओं का निस्तारण कराएं। किसी भी प्रकार से खरीद में कठिनाई उत्पन्न न हो। सभी
मंडी सचिव एवं उपजिलाधिकारी के माध्यम से डिस्ट्रेस सेल के रोकथाम हेतु औचक निरीक्षण
कर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई कराना सुनिश्चित करेंगे, जिससे
किसानों को मूल्य समर्थन का लाभ मिल सके। भा0खा0नि0 डिपो में
गेहूं का भंडारण किया जाएगा। डिपो पर लेबर आदि किसी प्रकार की समस्या न हो एवं
डिपो पर किसी प्रकार का शोषण न किया जाए। रिजेक्शन जॉइंट एनालिसिस के बिना न किया
जाए। भंडारण की समस्या हो तो तत्काल अस्थाई गोदाम को चिन्हित कर लिया जाए। समस्त
जिला प्रबंधक एजेंसी को निर्देशित किया है कि अपने केंद्रों पर हैंडलिंग एवं
परिवहन ठेकेदार की व्यवस्था करा लें, जिससे खरीद
के दौरान गेहूं के परिवहन में कोई समस्या न हो सके। गेहूं खरीद समीक्षा बैठक जिला
स्तर पर प्रत्येक सोमवार 5:30 बजे
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होगी एवं उपजिलाधिकारी भी तहसील स्तर पर सदस्य के साथ
प्रत्येक मंगलवार व शुक्रवार को बैठक कर खरीद में आ रही समस्याओं का निस्तारण करना
सुनिश्चित करेंगे।
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