जौनपुर - जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने समस्त
उपजिलाधिकारी एवं थानाध्यक्षों को निर्देश
देते हुए कहा है कि इस समय बड़ी संख्या में महाराष्ट्र, गुजरात व अन्य राज्यों से लोग आ रहे हैं, कुछ लोग चोरी-छिपे आ रहे हैं और कुछ
ट्रेन से आ रहे हैं, कुछ बसों से तथा कुछ पैदल भी आ रहे हैं।
ऐसे लोगो को गांव
में जाकर इन्हें अपने घरों में 21 दिन होम क्वॉरेंटाइन में अनिवार्य रूप
से रहना सुनिश्चित कराये, जिससे कि यदि वे संक्रमित हो तो उनकी
वजह से दूसरे संक्रमित न होने पाए। सभी थानाध्यक्ष
गांव में अपना भ्रमण बढ़ा दें और इस निर्देश
का अक्षरशः पालन कराएं। प्रत्येक थानाध्यक्ष और उनके अधीनस्थ उपनिरीक्षक 5-5 गांव का भ्रमण करे । भ्रमण के समय
थानाध्यक्ष गांव में गठित निगरानी
समिति एवं नगर क्षेत्र में गठित वार्ड समिति के साथ बैठक भी करें। गांव में व्यापक प्रचार-प्रसार भी करें
तथा गांव के लोगों द्वारा उनको व्यक्तिगत
तौर पर मोबाइल पर या व्हाट्सएप पर या अन्य किसी माध्यम से इस तरह की कोई सूचना दी जाती है, तो तत्काल होम क्वॉरेंटाइन का पालन न
करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें तथा
आवश्यकतानुसार एपिडेमिक आपदा प्रबंधन अधिनियम
एवं आईपीसी के अंतर्गत संक्रमण फैलाने के आरोप में प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज की जाए। इसमें कोई
लापरवाही न हो। प्रत्येक थानाध्यक्ष यह भी सुनिश्चित करें कि कोई प्रवासी श्रमिक यदि पैदल जा रहा है तो
तत्काल उसे निकट के शेल्टर होम में पहुंचाया जाए।
कोई श्रमिक पैदल न जाए उसकी व्यवस्था
उपजिलाधिकारी द्वारा शासनादेश के अनुसार की जाएगी। उप जिला मजिस्ट्रेट/क्षेत्राधिकारी भी
अपने-अपने क्षेत्र में सतर्कता बरतेंगे एवं किसी गांव से कोई सूचना मिलने पर तत्काल थाने की टीम गांव में अवश्य भेजेंगे तथा होम क्वॉरेंटाइन का पालन
करेंगे। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कंट्रोल
रूम के माध्यम से प्रतिदिन प्रत्येक थाने से भ्रमण की रिपोर्ट ली जाएगी तथा कितने मामले में गांव से होम
क्वॉरेंटाइन का पालन न करने की सूचना
मिली तथा कितने में कार्रवाई की गई इसका भी विवरण इन कंट्रोल रूम को थाने से भेजा जाएगा। जनपद में
विभिन्न बॉर्डर से विभिन्न जिलों से बसों में लोग प्रवेश कर रहे हैं क्योंकि हर जिले में ट्रेन से लोग आ रहे
हैं और वहां से बसों में बैठकर के जिले में
भेजे जा रहे हैं। सभी उपजिलाधिकारी अपने
बॉर्डर पर बनाए गए शेल्टर होम में सबसे पहले उन बसों को लाएंगे और उनकी पूरी लिस्ट इन निर्धारित प्रारूप
पर करेंगे तथा एक-एक व्यक्ति की थर्मल
स्कैनिंग कराएंगे तथा उनमें से कुछ के सैंपल भी लिए जाएंगे अगर उनमें लक्षण नहीं होते हैं तो उन्हें 21 दिन के होम क्वॉरेंटाइन करने के लिए घर भेज दिए जाएगा। इसमें किसी प्रकार की
लापरवाही न हो, सभी उपजिलाधिकारी पूरी तरह से सतर्क हो जाएं और बॉर्डर पर 24 घंटे, 8 - 8 घंटे की ड्यूटी लगाकर रखें
और वहीं पर पास के स्कूल को शेल्टर होम बना दें। बसों से आ रहे या पैदल आ रहे या अन्य साधन से आ रहे
प्रवासी श्रमिक को उपरोक्त अनुसार कार्रवाई
की जाए। शेल्टर होमवार पूरी सूचना रखी जाए और इसकी नियमित अपलोडिंग भी पोर्टल पर की जाए। इन सभी
प्रवासी श्रमिकों को खाद्यान्न का पैकेट
देकर घर भेजा जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जितनी रास्ते आपकी तहसील क्षेत्र में दूसरे जिलों से
प्रवेश करते हैं उन पर सब लेखपाल व कानूनों
की ड्यूटी लगा कर हर हाल में लगा दी जाए, जिससे
कि कोई व्यक्ति या
बस जो आ रही है वह बिना शेल्टर होम में
जाए और बिना स्वास्थ्य परीक्षण किए जाने
न जाने पाए। मुख्य राजस्व अधिकारी इनका परीक्षण करेंगे जो कि नोडल अधिकारी इस कार्य के लिए हैं सुनिश्चित
करेंगे कि 1-1 बस जो दूसरे जनपद से आ रही है उनका हिसाब पूरी तरह से रखा
जाए।
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